देश के सबसे बड़ी निजी सेक्टर के बैंक एचडीएफसी में एचडीएफसी लिमिटेड का विलय होने जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस विलय को हरी झंडी दे दी है। बैंकों के विलय की खबर आने के बाद से लाखों ग्राहकों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इस विलय के बाद उनपर क्या असर होने वाला है। साल 2024 की दूसरी या तीसरी तीमाही तक ये विलय पूरा होने की संभावना है। यानी अगले साल तक देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक में विलय होगा।
एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से मंजूरी मिल गई है। एचडीएफसी ने 4 अप्रैल को विलय की योजना का ऐलान किया था, जिसके बाद 2 जुलाई को दोनों बैंकों के विलय को एनएसई और बीएसई की ओर से मंजूरी मिल गई थी। जिसके बाद 4 जुलाई को अब रिजर्व बैंक ऑफ इंड़िया ने भी लेटर जारी कर नो ऑब्जेक्शन दे दिया है। आरबीआई की हरी झंडी मिलने के बाद अब इन दोनों बैंकों का विलय हो जाएगा। इस विलय को इंडियन बैंकिंग इंडस्ट्री का सबसे बड़ा विलय माना जाता है।
एफडीएफसी की ओर से बताया गया है कि उन्हें इस विलय के लिए आरबीआई की भी मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी लिमिटेड का विलय हो जाएगा। ये विलय भारत के बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा विलय होगा, क्योंकि इस मर्जर से बैंक की कुल वैल्यू करीब 40 बिलियन डॉलर
एचडीएफसी बैंक और HDFC का विलय को लेकर ग्राहकों के मन में चिंता सता रही है, लेकिन आपको बता दें कि इस विलय से उन्हें लाभ होने वाला है। न केवल ग्राहकों को बल्कि शेयर धारकों को भी। दोनों बैंकों के विलय से एचडीएफसी के शेयरधारकों को 25 शेयर के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे।